जापान जुलाई 2020 में होने वाले ओलिंपिक खेलों की मेजबानी को यादगार बनाना चाहता है। इस दौरान यहां आने वाले पर्यटकों के दिल में भी खास जगह बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। जापान की भाषा पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब न बने इसलिए 40 हजार टैक्सी ड्राइवरों समेत विभिन्न सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इंग्लिश भाषा का बेसिक कोर्स करवाया जा रहा है। सरकारी-गैर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में काम खत्म होने के बाद कर्मचारियों और स्टूडेंट्स को इस बात की ट्रेनिंग दी जा रही है कि टूरिस्ट आपसे कोई भी सवाल करे या फिर मदद मांगे, तो आपको किस तरह पेश आना है।
यह ट्रेनिंग अप्रैल महीने तक आधा घंटा रोज चलेगी। सद्भावना प्रदर्शन के लिए स्कूलों में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। सरकार का कहना है कि ओलिंपिक खेलों के दौरान आने वाले टूरिस्टों को ऐसी सुविधा और सत्कार दिया जाए, जिससे उन्हें यह महसूस हो जाए कि जापानी संस्कृति का दुनिया में कोई सानी नहीं।
लेशन में छोटे-छोटे वाक्य शामिल हैं
इस सिलसिले में टोक्यो के 65 साल के टैक्सी ड्राइवर मिनोरू इशिबाशी ने कहा, ‘हम टोक्यो वाले यह साबित करने के लिए बेचैन हैं कि हम कितने स्वच्छ और दयालु हैं।’ अमेरिका में 6 साल रहकर आए इशिबाशी बताते हैं कि इस आयोजन के दौरान हम खूब कमाएंगे, लेकिन हमारी कमाई हमारे देश के मान-सम्मान से बढ़कर नहीं है। इशिबाशी जापान के टीचर चिचो कुसाका के साथ मिलकर 16000 टैक्सी ड्राइवरों को इंग्लिश के रोज के काम में आने वाले वाक्य सिखा चुके हैं। इनमें- हैलो, थैंक यू, सीट बेल्ट प्लीज, वेलकम, इट्स माय प्लेजर, कीप द चेंज जैसे वाक्य हैं। स्टूडेंट आमाकी तकाशा का कहना है कि स्कूल खत्म होने के बाद हमें रोज बताया जा रहा है कि टूरिस्टों का आदर कैसे करें। हमारी सांस्कृतिक पहचान और सेवा-सत्कार ऐसा हो कि ये टूरिस्ट ही हमारे ब्रांड एम्बेस्डर बनें और बार-बार देश में आएं।
पहली बार मशाल में हाइड्रोजन का इस्तेमाल
टोक्यो ओलिंपिक में प्रज्ज्वलित की जाने वाली टॉर्च में हाइड्रोजन का इस्तेमाल होगा। ओलिंपिक के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित ईंधन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पहले आमतौर पर प्रोपेन (पेट्रोलियम गैस) का प्रयोग किया जाता था। इस प्रयोग से आयोजन कमेटी दुनिया को बताना चाहती है कि हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होगा।